ख़ुश्क से इस दिल पर
जब बारिश गिरती है
संभाल नहीं पाता
मचलने लगता है
संभल जा ज़रा
इतना मत उछल।
उछलने दो ज़रा
आज मैं खुश हूँ
दबा सहमा रहता हूँ
day to day के बोझ में
पता नहीं दोबारा
कब मिलेगा ये मौका
जब उछल उछल पड़ेगा मन
बारिश की बूंदों में।
जब बारिश गिरती है
संभाल नहीं पाता
मचलने लगता है
संभल जा ज़रा
इतना मत उछल।
उछलने दो ज़रा
आज मैं खुश हूँ
दबा सहमा रहता हूँ
day to day के बोझ में
पता नहीं दोबारा
कब मिलेगा ये मौका
जब उछल उछल पड़ेगा मन
बारिश की बूंदों में।